प्रणव को मालूम ही नहीं चला कि कब वह नेहा से प्यार करने लगा है। प्रणव को मालूम ही नहीं चला कि कब वह नेहा से प्यार करने लगा है।
मेरी हिंदी उन्हें काफी अच्छी लगी थी, मुंबई की आम बोलचाल हिंदी की अपेक्षा गृहस्वामी बोले-तुम पढ़ाई क्... मेरी हिंदी उन्हें काफी अच्छी लगी थी, मुंबई की आम बोलचाल हिंदी की अपेक्षा गृहस्वा...
पिताजी को पहले लगा कि मुझे कोई शारीरिक दर्द पहुँचा है, क्यों कि मैं कभी इस तरह से रोया नहीं था. पिताजी को पहले लगा कि मुझे कोई शारीरिक दर्द पहुँचा है, क्यों कि मैं कभी इस तरह स...
अब हसूं ना तो क्या करूं?तुमने इल्जाम भी इतना प्यारा लगाया है कि मैं वर्णन नहीं कर सकती अब हसूं ना तो क्या करूं?तुमने इल्जाम भी इतना प्यारा लगाया है कि मैं वर्णन नहीं क...